Dilip Lokre blog
गुज़रे याद की राहो से
जिस्म की खुशबू हाथ मे भींचे
गुज़रे याद की राहो से
शबनम टपकी आंख से जैसे
फिसली थी तू बाहो से
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)