बुधवार, 16 जनवरी 2013


बोलें तो क्या ?
पिछले कुछ दिनों से मै लगातार सोच रहा हूँ कि धैर्य,सब्र,धीरज शांत जैसे शब्द नहीं 
होते तो हमारे  प्रधान मंत्री के पास बोलने के लिए क्या  होता ?वैसे भी वह बोलते 
कम ही है।बेचारे विपक्ष को उनसे कुछ कहलवाने के लिए क्या-क्या पापड़ बेलने 
पड़ते है ये तो जग जाहिर है।  
मुंबई पर हमला हो तो वह कहते है जनता को शांत रहना चाहिए। भ्रष्टाचार के खिलाफ़ 
लोग जंतर-मंतर पर 'भीड़' लगाते है तो वह कहते है की लोग सब्र से काम लें। विपक्ष 
द्वारा संसद नहीं चलने देने पर भी धैर्य रखने की सलाह देते है । और तो और सीमा पर 
दुश्मन सैनिकों द्वारा हमारे जांबाज सैनिक की हत्या कर उनका सर काटने की घटना पर 
तो वह बड़े दिनों तक तो कुछ बोलते ही नहीं। और जब बोलते हैं तो तो कहते हैं "इस 
बर्बर घटना के बाद पाकिस्तान से रिश्ते पहले जैसे नहीं रह सकते "। मुंह तोड़ जवाब 
देंगे ये तो सेनाध्यक्ष पहले ही बोल चुके थे। 
120 करोड़ लोगों की भावनाओं को समझने में हमारे प्रधान मंत्री को आठ दिन लगे।
और ये पहली बार नहीं है ! चाहे बाबा रामदेव या अन्ना का आन्दोलन हो चाहे दिल्ली 
गैंग रैप की घटना, प्रधानमंत्री बात को समझने के लिए पूरा समय लेते है,ये नहीं की
दिल्ली की मुख्यमंत्री की तरह झट जनता के बीच जा कर अपनी बेइज्जती करवा  
आये।  और इतना ही नहीं अपने साथियों को उल-जलूल बोलने का पूरा-पूरा मौका भी 
देते हैं ताकि कोई ये न कहे की "ये तो खुद ही बोलते रहते है,हम आखिर सरकार में 
क्यों है?" 
और जब बातपूरी बिगड़ जाती है तब वे खुद एक वीर योद्धा की तरह आगे आते हैं 
और सिर्फ दो शब्द कहते हैं 'सब्र से काम लें'।
कितना 'ध्येर्य' चाहिए यह सब करने में ? लेकिन अब की बार बात कुछ अलग है । ये 
समय सड़क पर मोमबत्ती जलाने वालों पर पानी फेंकने या लाठी फटकारने का नहीं है। 
उनकी आंखे पहले ही आंसुओं से भरी है इसलिए उनपर आंसू गैस फैकने से भी कोई 
फायदा नहीं होने वाला तब ? वोई तो ! हमारे प्रधान मंत्री ने पहले सेनाध्यक्ष को बोलने 
दिया ,विपक्ष की नेता को बोलने दिया और तो और पडोसी कोभी बोलने दिया ! फिर वो 
बोले।
ये होती है कुछ बात । और अब 'जब बोल ही दिया तो देख लेंगे' वाली तर्ज पर उनके 
'वीरू' उन्हें सम्हाल रहे है । हाँ, आप देखना अब 'ठकुरराइन' भी कुछ बोलेंगी ..... और 
क्या ? हाँ ... ठाकुर तो यूपी और गुजरात चुनाव के बाद से ही लापता है। जो भी हो 
लेकिन ये 'शोले' इस बार भी जल्दी उतरने वाली  नहीं है , इतना पक्का । 
-दिलीप लोकरे